बरेली, दिसम्बर 29 -- फरीदपुर। कानून की जानकारी के अभाव में अक्सर लोग शोषण का शिकार होते है, ऐसे में यदि उन्हें शोषण से बचाना है तो बच्चों के पाठ्यक्रम में कानूनी शिक्षा का शामिल किया जाना जरूरी है ताकि बच्चे न सिर्फ खुद शोषण का शिकार होने से बच सकें, बल्कि जरूरत पढ़ने पर परिवार की ढाल भी बन सकें। यह कहना है कि इलाहबाद हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश शैलेंद्र अग्रवाल का। वह रविवार को सीएएस इंटर कॉलेज में आयोजित पुरातन छात्र सम्मेलन में शामिल होने पहुंचे थे। पूर्व न्यायाधीश ने शैलेंद्र अग्रवाल ने कहा कि स्कूल के पाठ्यक्रम में कानूनी शिक्षा को भी शामिल किया जाए। उन्होंने कहा कि मामूली लड़ाई झगड़े में पुलिस से लेकर अन्य जगह तक लोग शोषण का शिकार हो रहे हैं इसलिए बच्चों को शुरू से ही कानून की शिक्षा दी जाए। जिससे वह अपने परिवार को शोषण से बचा सकें ...