नई दिल्ली, अगस्त 13 -- बिहार में चल रहे चुनाव आयोग के वोटर लिस्ट के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को सुप्रीम कोर्ट ने मतदाता हितैषी बताया है। वोटर लिस्ट रिवीजन के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने बुधवार को यह टिप्पणी की। कोर्ट ने कहा कि पूर्व में हुए संक्षिप्त पुनरीक्षण में 7 दस्तावेज मान्य थे, मगर अभी के विशेष गहन पुनरीक्षण में 11 दस्तावेजों का विकल्प मतदाताओं को दिया गया है। इससे लगता है कि यह मतदाता के हित में है। सुप्रीम कोर्ट में 24 जून के फैसले के चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई हो रही है। याचिकाकर्ताओं ने एसआईआर में चुनाव आयोग द्वारा आधार कार्ड को स्वीकार नहीं करने पर सवाल उठाए हैं। इस पर टिप्पणी करते हुए जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि आयोग ने आधार के अलावा भी...