नई दिल्ली, जून 10 -- देशभर के ग्रामीण इलाकों में श्रमिकों को रोजगार की गारंटी देने वाली महत्वाकांक्षी योजना महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) पर पहली बार केंद्र सरकार ने खर्च सीमा की पाबंदी लगाई है। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने वित्तीय वर्ष 2025-26 की पहली छमाही में मनरेगा के तहत होने वाले खर्च को कुल वार्षिक आवंटन का 60 फीसदी तक सीमित कर दिया है। अब तक इस योजना में खर्च की कोई सीमा तय नहीं थी और यह मांग के आधार पर संचालित योजना रही है। इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय को सूचित किया है कि अब इस योजना के तहत होने वाले खर्च को मासिक/त्रैमासिक व्यय योजना (MEP/QEP) के तहत लाया जाएगा, जो एक खर्च पर नियंत्रण का एक तरीका है। हालांकि, इस यो...