नई दिल्ली, जून 10 -- नई दिल्ली, प्र.सं.। हाई कोर्ट पशुओं के खिलाफ यौन अपराधों में शामिल लोगों पर मुकदमा चलाने की याचिका पर जुलाई में सुनवाई करेगा। मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय और तुषार राव गेडेला की पीठ ने मामले की अगली सुनवाई 16 जुलाई तय की है। फेडरेशन ऑफ इंडियन एनिमल प्रोटेक्शन ऑर्गनाइजेशन ने अपनी याचिका में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के तहत भारतीय दंड संहिता की धारा 377 (अप्राकृतिक यौन अपराध) को पूरी तरह से निरस्त करने को गलत बताया है। याचिका में तर्क दिया गया कि धारा 377 को बीएनएस से हटाने से अनजाने में पशुओं के खिलाफ यौन हिंसा अपराध की श्रेणी से बाहर हो गई, जिससे वे कानून द्वारा असुरक्षित हो गए।

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