लखनऊ, जून 9 -- राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने रिवैंप डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (आरडीएसएस) पर हुए खर्च के बाद निजीकरण की आवश्यकता पर सवाल उठाए हैं। उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि यह योजना केंद्र सरकार परिणाम की गारंटी के साथ लाई थी। उत्तर प्रदेश में 43,454 करोड़ रुपये खर्च किए गए। अगर इतना खर्च के बाद अगर परिणाम नहीं आए तो निगरानी समिति को जांच करनी चाहिए और अगर परिणाम आए हैं तो निजीकरण की जरूरत क्या है? अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि केंद्र सरकार बिजली आपूर्ति की गुणवत्ता और विश्वसनीयता में सुधार कर बिजली कंपनियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए आरडीएसएस योजना लाई थी। एटीएंडसी हानियों को 12-15 फीसदी पर लाकर बिजली क्षेत्र का घाटा समाप्त किया जाना था। योजना की सफलता के लिए केंद्र सरकार ने निगरानी समिति भी बनाई है। केंद्रीय...