नई दिल्ली, अक्टूबर 8 -- भारत के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई पर जूता फेंकने की कोशिश करने वाले वकील राकेश किशोर को अपने किए पर कोई पछतावा नहीं है। उनका कहना है कि वह 'परमात्मा' का काम कर रहे थे। इस घटना के बाद से किशोर के खिलाफ विरोध तेज हो गया है। खबर है कि उनके दिल्ली स्थित आवास के बाहर बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी इकट्ठा हो गए थे। टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में कहा कि वह 'दैवीय निर्देशों' का पालन कर रहे थे। उन्होंने कहा, 'मैंने परमात्मा का काम किया है। यह दैवीय काम था। खजुराहो के मंदिर में भगवान विष्णु की प्रतिमा के दोबारा बनने को लेकर की गई उनकी टिप्पणी ने मुझे बेहद आहत कर दिया था...। इसलिए मैंने ऐसा ही किया।' उन्होंने दावा किया है कि वह फिर ऐसा कर सकते हैं। किशोर ने कहा कि एक दैवीय शक्ति उन्हें ताकत दे रही थी। उन्होंने कहा, 'अगर परमात्मा...