नई दिल्ली, सितम्बर 3 -- मद्रास हाईकोर्ट ने एक महिला को परिवार अदालत द्वारा दिया गया 30,000 रुपये का अंतरिम भरण-पोषण का निर्देश रद्द कर दिया। हाईकोर्ट ने पाया कि महिला के पास अचल संपत्ति के साथ-साथ एक कंपनी के लाभांश के रूप में पर्याप्त आय भी है। न्यायमूर्ति पी. बी. बालाजी ने पति द्वारा दायर याचिका आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए हाल ही में यह आदेश पारित किया। पति ने पारिवारिक अदालत के 27 जनवरी, 2023 के आदेश को चुनौती दी थी। मूल रूप से, पति ने पारिवारिक अदालत में विवाह विच्छेद की मांग करते हुए एक याचिका दायर की थी। उसकी पत्नी ने अपने और अपने बेटे के लिए अंतरिम भरण-पोषण की मांग करते हुए एक याचिका दायर की। पारिवारिक अदालत ने पति को अपनी पत्नी और अपने बेटे को अंतरिम भरण-पोषण के रूप में प्रति माह 30,000 रुपये देने का निर्देश दिया। व्यथित होकर, प...