नई दिल्ली, मई 27 -- भले ही इस आधुनिक युग में मनुष्य कितनी भी तरक्की क्यों ना कर लें, लेकिन वो इस बात से कभी इनकार नहीं कर सकता है कि व्यक्ति एक दूसरे की ऊर्जा से निरंतर प्रभावित होता रहता है, जो एक-दूसरे के व्यवहार और भावनाओं को भी प्रभावित कर सकती है। यह एनर्जी पॉजिटिव भी हो सकती है और नेगेटिव भी। अगर आप खुद को कुछ लोगों के संपर्क में आने के बाद थका हुआ, कंफ्यूज और मायूस महसूस कर रहे हैं तो आप यकीनन टॉक्सिक लोगों के साथ हैं। जबकि पॉजिटिव लोग हर स्थिति में सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाकर जीवन के प्रति आशावादी बने रहते हैं। सकारात्मकता उन्हें तनाव, चिंता और डिप्रेशन से दूर रखती है। लेकिन नेगेटिव लोग आपकी हर चीज में कमियां ढूंढकर आलोचना करते रहते हैं। ऐसे लोग किसी भी तरह के बदलाव का विरोध करते हैं और उन्हें खुश रहने वाले लोगों से जलन होती है। अग...
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