गढ़वा, अगस्त 28 -- कांडी, प्रतिनिधि। झारखंड विधानसभा में सरकार द्वारा पारित राज्य विश्वविद्यालय विधेयक-2025 में झारखंड के विश्वविद्यालयों में कुलपति, प्रति कुलपति, वित्तीय सलाहकार, परीक्षा नियंत्रक व अन्य प्रमुख पदों पर नियुक्ति के अधिकार को महामहिम राज्यपाल से हटाकर राज्य सरकार को देने का प्रावधान किया जाना पूरी तरह से असंवैधानिक है। उक्त बातें अभाविप के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य प्रिंस कुमार सिंह ने कही। उन्होंने कहा कि इस विधेयक का अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद कड़ा विरोध करती है। यह विधेयक न केवल विश्वविद्यालयों की स्वायत्तता पर प्रहार है बल्कि एक संवैधानिक पद के अधिकारों में सीधा हस्तक्षेप है जो भारत के संविधान की मूल भावना और संघीय ढांचे के विरुद्ध है।

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