लखनऊ, अक्टूबर 4 -- लखनऊ, विशेष संवाददाता पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगमों के निजीकरण पर राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने सरकार और पावर कॉरपोरेशन से छह सवाल पूछे हैं। उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि अगर इस मसले पर सरकार निष्पक्षता से फैसला लेना चाहती है, तो उसे एक स्वतंत्र उच्चस्तरीय समिति का गठन करके सभी पक्षों से बात करनी चाहिए। उपभोक्ता परिषद का मत स्पष्ट है कि निजीकरण उपभोक्ताओं के हितों के विपरीत है। इससे न केवल उपभोक्ताओं को नुकसान होगा बल्कि प्रदेश को वित्तीय हानि भी होगी। सरकार को जवाब देना चाहिए कि बिजली कंपनियों पर उपभोक्ताओं की बकाया राशि 33,122 करोड़ रुपये निजीकरण के बाद कैसे मिलेगी? पूर्वांचल और दक्षिणांचल पर यह बकाया रकम तकरीबन 16 हजार करोड़ रुपये है। उपभोक्ताओं से वसूली जाने वाली 65,909 करोड़...
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