वाराणसी, अगस्त 26 -- वाराणासी, वरिष्ठ संवाददाता। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति की ओर से बिजली के निजीकरण के विरोध में मंगलवार को सभी बिजली कार्यालयों पर विरोध प्रदर्शन किया गया। इस मौके पर हुई सभा में वक्ताओ ने पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण की प्रक्रिया पर सवाल उठाए। वक्ताओं ने कहा कि स्टैण्डर्ड बिडिंग डॉक्यूमेंट के अनुसार निजीकरण के बाद भी सरकार निजी घरानों को आर्थिक सहयोग देती रहेगी तो निजीकरण से क्या लाभ होने जा रहा है? उत्तर प्रदेश के सरकारी विद्युत वितरण निगमों के घाटे का सबसे बड़ा कारण महंगी दरों पर निजी विद्युत उत्पादन घरों से बिजली खरीद के करार है। ऐसे बिजली क्रय करार भी हैं जिनसे बिना बिजली खरीदे प्रति वर्ष 6761 करोड़ रुपये फिक्स चार्ज देना पड़ रहा है। निजीकरण के ड्राफ्ट स्टैंडर...