आगरा, सितम्बर 7 -- नरौरा से गंगा में छोड़े जा रहे पानी में करीब 30 हजार क्यूसेक की कमी के बाद भी नदी का जलस्तर स्थित बना हुआ है। पटियाली के बाढ़ प्रभावित गांवों में हालात जस के तस बने हुए हैं। बाढ़ प्रभावित गांवों में जलभराव बीच रह रहे ग्रामीण त्वचा व वायरल रोगों की चपेट में आ रहे हैं। गत शनिवार को मूजखेड़ा गांव में बुखार से सात वर्षीय बच्चे की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने शिविर लगाकर रोगियों का उपचार किया है। रविवार की सुबह नरौरा से एक लाख 91 हजार क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद भी गंगा खतरे के निशान से 17 सेंटीमीटर बनी हुई है। पटियाली के बाढ़ प्रभावित दो दर्जन से अधिक गांवों में नगदी का जलस्तर स्थित रहने के कारण जलस्तर स्थिर रहने से हालात बदतर हैं। ग्रामीण एक माह से बाढ़ के पानी के जलभराव के बीच ही जिंदगी गुजार रहे हैं। बाढ़ का प...
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