प्रयागराज, जुलाई 6 -- प्रयागराज, संवाददाता। मोहर्रम की दसवीं यौमे अशूरा पर रविवार को अकीदतमंदों ने गम की चादर और आंखों में आंसुओं के साथ ताजियों के फूल कर्बला में सुपुर्द-ए-खाक किए। इमाम हुसैन और कर्बला की शहादत की याद में शहर के मुस्लिम इलाकों में 'या अली-या हुसैन की सदाएं गूंजती रहीं। दोपहर में जोहर की नमाज के बाद बड़ा ताजिया को कंधा देने के लिए पुराने मोहल्ले में जनसैलाब उमड़ा। या हुसैन जिंदाबाद के नारों के बीच बड़ा ताजिया को कंधे पर कर्बला तक ले जाया गया। उससे पहले बुड्ढा ताजिया को कंधा देने के लिए अकीदतमंदों की भीड़ उमड़ी। बड़ा ताजिया, बुड्ढा ताजिया जहां कंधों पर कर्बला ले जाया गया वहीं मासूम अली असगर के झूले का फूल कर्बला में दफन किया गया। कई लोगों ने नंगे पैर इमामबाड़ों से कर्बला तक का पैदल सफर तय किया। हर कोई बोसा लेने फूल चढ़ाने व मन्...