गोरखपुर, अक्टूबर 5 -- कैंपियरगंज, हिन्दुस्तान संवाद। कैंपियरगंज बाजार में आयोजित नौ दिवसीय भव्य श्रीमद्भागवत कथा में तीसरे दिन कथाव्यास आचार्य विनोद महाराज ने कहा कि जीवन के लिए नम्रता और कठोरता दोनों आवश्यक है। विनम्रता जहां लोगों को आपसे जोड़ती है वहीं कठोरता संबंधों का संरक्षण करती है। उन्होंने कहा कि नम्रता की रक्षा लिए कठोरता का आवरण आवश्यक होता है। नारियल का जल और फल दोनों उसकी बाहरी कठोरता से सुरक्षित रहते हैं। जोड़ने के लिए नर्म बनो और जोड़े रखने के लिए सख्त, ये सीख हमें अपने जीवन में सीमेंट से सीखनी चाहिए। कथावाचक ने कहा कि परिवार में यही भूमिका परिवार के मुखिया की और समाज में यही भूमिका समाज के मुखिया की भी होनी चाहिए। परिवार को जोड़ने के लिए नर्म और जोड़े रखने के लिए सख्त होना, आपकी चातुर्यता है। परिवार का मुखिया नर्म न हो तो प...