अलीगढ़, सितम्बर 17 -- अलीगढ़, वरिष्ठ संवाददाता। कभी मां की गोद ही शिशु का पहला संसार मानी जाती थी, लेकिन अब अस्पतालों में नर्सें भी वही ममता दे रही हैं। 'कंगारू केयर एक ऐसी पद्धति बन चुकी है, जिसमें नन्हे शिशु को सीने से लगाकर उसकी नन्हीं धड़कनों को जीवन का भरोसा दिया जा रहा है। यह स्पर्श सिर्फ गर्मी नहीं देता, बल्कि भावनात्मक सुरक्षा भी प्रदान करता है। इस वर्ष जुलाई तक जिले में कुल 65,416 जन्म पंजीकृत हुए। अनुमानित जन्मों की तुलना में यह 100.23 प्रतिशत है। 'कंगारू मदर केयर (केएमसी) इसी भावनात्मक तकनीक का नाम है, जिसने नवजातों की जिंदगी में नई उम्मीद जगाई है। यहां शिशु को मां या प्रशिक्षित नर्स की छाती से सटाकर रखा जाता है, ताकि उसे प्राकृतिक गर्मी, स्तनपान और सुरक्षा का अनुभव हो सके। यही वजह है कि इसे अब 'जीवन का स्पर्श कहा जाने लगा है। ...