बागपत, अक्टूबर 6 -- सिंतबर के बाद अक्तूबर माह में आसमानी आफत का डर अब किसानों की चिंता बढ़ा रहा है। मौसम के लगातार बदल रहे मिजाज से फसलों का नुकसान होना तय है। खेतों में अभी धान की फसल खड़ी है। ऐसे में बरसात से निचले खेतों में पानी भरने से फसल खराब होने व दाना प्रभावित हो सकता है। मौसम विशेषज्ञ आठ अक्तूबर तक बरसात होने की आशंका जता रहे हैं। बागपत जिले में खरीफ सीजन की मुख्य फसल धान है। जनपद में करीब 30 हजार हेक्टेयर धान का रकबा है। अधिकतर खेतों में धान की फसल पूरी तरह से तैयार हो चुकी है। अगेती धान की फसल तो कटने भी लगी है। कुछ किसान तो धान की बिक्री तक कर चुके है। वहीं, काफी फसल अभी खेतों पर पककर तैयार खड़ी है। सोमवार से बदले मौसम के मिजाज ने खेत में खड़ी धान की फसल के लिए खतरे की घंटी बजा दी है। सितंबर में बारिश होने से फसल खेतों बिछ गई। जै...