धनबाद, सितम्बर 14 -- महानगर हो या विकाशित शहर इलेक्टिक वाहन विकाश की दौड में फर्राटे भर रहा है। यात्री वाहन हो या निजी ई-वाहन अपनी भागिदारी निभा रहा है। धनबाद जैसे शहर में भी लगभग 10 हजार इलेक्टिक वाहन सडको पर दौड रहे है। विशेष कर ई-रिक्शा ने धाक जमाई है। हाल के वर्षो में ई-रिक्शा ने बडी ही तेजी से डीजल आँटों की जगह ली है। क्योकि इसका सफर आरामदायक होने के साथ साथ इकोफ्रेडली भी है। लेकिन इतनी खासियत और सहुलियत होने के बाद भी प्रशासनिक अवयव्स्था के कारण यही ई-रिक्शा की बढती संख्या अब शहर के लोगों के लिए सिरदर्द बनते जा रहा है। इस मुद्वे पर हिन्दुस्तान की टीम ने आम लोगों से बात की। बोले धनबाद संस्करण के लिए लोगो ने बेबाक होकर अपनी बात रखी। धनबाद में ई-रिक्शा की बढती संख्या अब सिरदर्द बन गई है। सडकों से लेकर गली-मोहल्लों तक में हर जगह से फर्र...