मुजफ्फरपुर, अगस्त 26 -- मुजफ्फरपुर। जिले के प्राथमिक और मध्य विद्यालयों के हेडमास्टरों के पास चॉक-डस्टर खरीदने तक के पैसे नहीं हैं। खराब चापाकल ठीक कराने के लिए भी अधिकारियों का मुंह ताकना पड़ रहा है। दो साल से स्कूलों को आकस्मिक मद की राशि का इंतजार है। अपर मुख्य सचिव ने 15 दिन के भीतर राशि उपलब्ध कराने का आदेश दिया, लेकिन पैसे नहीं मिले। विद्यालयों की व्यवस्था में खामी मिलने पर हमेशा कार्रवाई की जद में रहने वाले हेडमास्टर अधिकारियों की सुस्ती से खफा हैं। इनका कहना है कि बच्चे गर्मी में गश खाकर बेहोश होते रहे, लेकिन पंखा तक नहीं लग पाया। स्थिति यह है कि स्कूलों में बिजली की वायरिंग तक अब बेकार हो गई है। छत के प्लास्टर झड़ रहे हैं तो किसी स्कूल में फर्श टूट रहे हैं। स्कूल की छोटी-छोटी जरूरतें पूरी करने के लिए भी पैसे की कमी बाधा बन रही है...