अररिया, दिसम्बर 12 -- कुर्साकांटा, निज प्रतिनिधि आज भले हीं लोग अपने को 21वीं सदी में होने का दावा और आधुनिकता की बात कर ले, लेकिन सच यह है कि आज भी इस समाज में पुरुष मानसिकता हाबी है। इससे इस बात को बल मिलता है कि परिवार नियोजन जैसे कार्यक्रम में महिलाओं की भागेदारी सौ फीसदी है लेकिन पुरुष नसबंदी लगभग शून्य है। स्थिति का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पिछले दो वर्षो में पीएचसी कुर्साकांटा में लगभग नौ सौ महिलाओं का बंध्याकरण हुआ है। जबकि सिर्फ दो पुरुषों ने नसबंदी कराया है। यही नहीं महिलाएं कॉपर टी, गर्भ निरोधक इंजेक्शन सहित कई तरह के संसाधनों का प्रयोग कर रही है। या यूं कहें कि जनसंख्या नियंत्रण का पूरा बोझ महिलाओं पर निर्भर है। प्रोत्साहन राशि- पीएचसी कुर्साकांटा के बीसीएम संदीप कुमार ने बताया कि सरकार ने पुरुष नसबंदी को बढ़ावा देन...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.