बिजनौर, अगस्त 14 -- खचाखचभरी कोर्ट में बुधवार को रचित हत्याकांड के दोषियों के चेहरों पर न तो पछतावा था, न ही शर्म... जबकि कोर्ट रूम में दोषियों के परिजनों के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे। सजा सुनाते वक्त जहां उनके परिजनों का हर पल कहर ढहा रहा था, वहीं सभी दोषी आपस में एक दूसरे को देखकर मुस्करा रहे थे। इनमें से सिर्फ एक दोषी की आंखें नम थीं, जिसे उसके साथी समझा रहे थे। वहीं दूसरी ओर रचित के परिजनों की आंखें भी इंसाफ मिलने के बाद नम थीं, हालांकि न्याय की इस लड़ाई में पीड़ित परिवार को मिली सिसकियों के लिए उम्रकैद थोड़ी नजर आई। पांच फरवरी 2021 को कोतवाली शहर क्षेत्र के गांव सिहोरा गिरधर निवासी रचित(21वर्ष) पुत्र धर्मेंद्र सिंह की कस्बा झालू में सरेआम बाजार में गोलियां बरसाकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने मौके से ही शारिक, शादाब, शहवार, शहजान...
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