रायपुर, जुलाई 31 -- छत्तीसगढ़ में मानव तस्करी और जबरन धर्मांतरण के जिस मामले में केरल की दो ननों को गिरफ्तार किया गया है, उसकी पीड़िता ने अपने बयान से पलटते हुए सनसनीखेज दावा किया है। उसका कहना है कि वह अपनी मर्जी से नौकरी करने के लिए ननों के साथ जा रही थी, इसी दौरान रेलवे स्टेशन पहुंचे बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने उनके साथ मारपीट करते हुए उन्हें झूठा बयान देने पर मजबूर किया था। आरोप लगाने वाली युवती का नाम कमलेश्वरी प्रधान है, जिसका दावा है कि पुलिस ने भी उसका बयान ठीक से दर्ज नहीं किया। वहीं जबरन धर्मांतरण के आरोपों पर उसने कहा कि वह खुद को ईसाई मानती है और उसका परिवार बीते चार-पांच सालों से इसी धर्म का पालन कर रहा है। नारायणपुर जिला मुख्यालय से करीब 10 किमी दूर कुकुराझोर गांव में रहने वाली 21 वर्षीय युवती का कहना है कि हम अपनी मर्जी से ...
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