देहरादून, सितम्बर 17 -- Dehradun floods: देहरादून में 15 सितंबर की रात और 16 सितंबर की सुबह काल बनकर आई। बहुत अधिक बारिश के बाद नदी-नाले इतने उफान पर आ गए मानो जल प्रलय। राजधानी में हर ओर सिर्फ तबाही ही तबाही नजर आई। सहस्त्रधारा, मालदेवता और टपकेश्वर समेत कई महत्वपूर्ण स्थानों पर जल सैलाब आ गया और तबाही के निशान छोड़ गया। इस आपदा ने कम से कम 13 लोगों की जान ले ली और अभी भी 16 लोगों का कुछ पता नहीं चल पाया है। कम से कम 3 पुल और 30 से अधिक सड़कें पूरी तरह तबाह हो गईं। मसूरी में 3 हजार से अधिक सैलानी अभी भी फंसे हुए हैं। मौसम विभाग ने खुलासा किया है कि देहरादून में कहीं भी बादल नहीं फटा। फिर जल त्रासदी की असली वजह क्या थी?जल प्रलय की असली वजह क्या थी? देहरादून में कहीं भी बादल फटने की घटना से मौसम विभाग ने इनकार किया है। मौसम विभाग के निदेशक...