मुजफ्फरपुर, सितम्बर 4 -- मुजफ्फरपुर, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। दुष्कर्म के मामले में पीड़िता व आरोपित से संग्रहित साक्ष्यों की आवश्यक रूप से डीएनए जांच कराई जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने इसके लिए गाइडलाइन जारी किया है। इसका उद्देश्य दुष्कर्म के मामले में ठोस वैज्ञानिक साक्ष्यों को एकत्र करना है। इससे आरोपित को संदेह का लाभ नहीं मिल पाएगा। वहीं, किसी निर्दोष को फंसाने की गुंजाइश नहीं रहेगी। इससे पहले पुलिस कुछ खास मामले में ही डीएनए टेस्ट कराती थी। सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के बाद दुष्कर्म के मामले में डीएनए जांच जरूरी हो गया है। हाल की तीन घटनाओं में हुई डीएनए जांच : हाल में दुष्कर्म की तीन घटनाओं में विशेष पॉक्सो कोर्ट-तीन के आदेश पर डीएनए जांच कराई गई है। इसमें कुढ़नी, तुर्की व औराई दुष्कर्म कांड शामिल है। तीनों में पीड़िता व आरोपितों से संग्रहि...