दिल्ली, सितम्बर 12 -- भारत में शहर तेजी से बढ़ रहे हैं, लेकिन क्या महिलाओं की सुरक्षा के लिए पर्याप्त कदम उठाए जा रहे हैं? विशेषज्ञों का कहना है कि सार्वजनिक जगहों को फिर से इस तरह डिजाइन करने की जरूरत है कि महिलाओं को पूरी सुरक्षा मिल सके.हाल के दशकों में भारत में शहरों का विस्तार तेजी से हुआ है.हालांकि एक कड़वी सच्चाई इस विकास पर ग्रहण लगाती है.करीब 40 फीसदी महिलाएं सड़कों पर, अपने आस-पड़ोस में और सार्वजनिक परिवहन में असुरक्षित महसूस करती हैं.इससे इस बात पर संदेह पैदा होता है कि क्या शहरी योजनाएं वास्तव में महिलाओं के लिए सुरक्षा सुनिश्चित कर सकती हैं.मुंबई सबसे सुरक्षित, दिल्ली सबसे खराबबॉलीवुड कॉस्ट्यूम डिजाइनर मनोशी नाथ इस मामले पर कहती हैं, "दिल्ली और अब मुंबई में रहने के बाद, मुझे लगता है कि दिल्ली की सड़कें कम रोशनी वाली और असुरक्...