कौशाम्बी, सितम्बर 27 -- दारानगर की रामलीला में शुक्रवार को फुलवारी लीला का मंचन किया गया। ऋषि विश्वामित्र के साथ श्रीराम और लक्ष्मण मिथिला पहुंचते हैं। जनकपुरी में राजा जनक द्वारा बनवाई गई सुंदर पुष्प वाटिका (फुलवारी) में उनका प्रवेश होता है। इसी वाटिका में देवी सीता अपनी सखियों के साथ प्रतिदिन पुष्प चुनने आती थीं। यहीं श्रीराम और सीता की पहली भेंट होती है। श्रीराम को देवी सीता के दर्शन होते हैं। इस दौरान देवी सीता अपनी सखियों के साथ गौरी माता के मंदिर में गईं और विधिपूर्वक पूजा की। उन्होंने माता गौरी से वरदान मांगा कि उन्हें सद्गुणों से युक्त, धर्मशील और पराक्रमी पति प्राप्त हो। जैसे माता गौरी को शिव प्राप्त हुए। देवी गौरी ने मंद मुस्कान के साथ मन में तथास्तु का आशीर्वाद दिया।
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