मुजफ्फरपुर, दिसम्बर 19 -- सकरा, हिन्दुस्तान संवाददाता। सिराजाबाद गांव में बीते साल किस्त की राशि इंतजाम नहीं हुआ तो चिंता में अकबर अली की को हार्ट अटैक से मौत हो गई थी। दरवाजे पर शव रखा था और गुंडा बैंक के एजेंट किस्त के लिए आ धमके। आसमा खातून ने गुंडा बैंक के लोन और पति की मौत की आपबीती बताई। उसने बताया कि आक्रोशित हुए ग्रामीणों ने तीनों एजेंटों को बंधक बना लिया था। आसमा ने बताया कि बाद में कुछ लोगों ने बीच-बचाव कर तीनों एजेंटों को समझाकर भगा दिया। फाइनेंसकर्मी पहले तरह-तरह के प्रलोभन देकर कर्ज देते हैं। बाद में गरीबी और आर्थिक तंगी के कारण किस्त देने में विलंब होने पर घर पर आकर बैठ जाते हैं। दुर्व्यवहार भी करते हैं। इन्हीं वजहों से किस्त का समय आने पर रुपए का इंतजाम नहीं हुआ तो पति परेशान हो गए थे। गांववालों से पहले ही कर्ज ले चुके थे। ...