दरभंगा, दिसम्बर 28 -- जिले के तेलहन उत्पादक किसानों की बेचैनी बढ़ी हुई है। कड़ाके की ठंड के चलते सरसों व तोड़ी के पौधों में रोग लगने का खतरा बढ़ गया है। किसान रोजाना सुबह-शाम खेतों में लगी फसल के हरे पत्ते व पीले-पीले फूलों को पैनी निगाहों से चेक करते हैं। किसान बताते है कि ठंड के चलते लगातार कोहरा छाने से पौधों में फंफूद जनित बीमारी की आशंका रहती है। इससे ग्रस्त पौधा गलकर नष्ट हो जाता है। इससे सरसों का उत्पादन घट जाता है। इसलिए बीमारी के लक्षण दिखते ही कीटनाशक छिड़कते हैं। किसान कीटनाशक खरीदारी, पटवन व खाद आदि खर्च से लागत बढ़ने व बाजार मूल्य के अनुरूप कीमत नहीं मिलने की शिकायत करते हैं। किसान शिवलाल महतो बताते हैं कि सरसों, तोड़ी, सूर्यमुखी आदि तेलहन फसल काफी लाभकारी हैं, पर उचित प्रोत्साहन का अभाव है। इससे बड़ी तादाद में किसान खेती नहीं करते...
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