नई दिल्ली, सितम्बर 24 -- दिल्ली हाईकोर्ट ने संसद हमले के दोषी मोहम्मद अफजल गुरु और जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) के संस्थापक मोहम्मद मकबूल भट्ट की तिहाड़ जेल परिसर से कब्रें हटाने की याचिका को खारिज कर दिया है। अदालत ने कहा कि यह अत्यंत संवेदनशील मामला है और इस पर फैसला सरकार ने फांसी के समय सोच-समझकर लिया था। ऐसे मामलों को एक दशक से अधिक समय बीत जाने के बाद दोबारा नहीं खोला जा सकता। कोर्ट ने कहा कि इस तरह का निर्णय केवल सक्षम प्राधिकारी ही ले सकता है और जब तक कोई कानून जेल परिसर में दफन या अंतिम संस्कार को रोकता नहीं है, तब तक अदालत का हस्तक्षेप उचित नहीं है। अदालत ने कहा, "वहां 12 वर्षों से कब्र है। यह सरकार का निर्णय था। यह फैसला उस समय संभावित परिणामों को ध्यान में रखकर लिया गया था। अब इसे बदलने का सवाल नहीं उठता है।" कोर्ट ने यह ...