नई दिल्ली, दिसम्बर 23 -- क्षमा शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार हमारे देश में विवाह संस्था बहुत मजबूत रही है, इसीलिए भारत को दुनिया में सबसे कम तलाक वाले देशों में गिना जाता रहा है। तमाम अध्ययन इस बात की पुष्टि करते हैं कि भारत में तलाक की दर अब तक एक फीसदी से भी कम रही है, मगर अब हालात बदल रहे हैं। खासकर महानगरों में विवाह के टूटने की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं। पिछले एक दशक में तलाक के मामलों में 30 से 40 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई है। इस स्थिति ने मुआवजे और गुजारा भत्ते के सवाल को गंभीर बना दिया है। पिछले दिनों उच्चतम न्यायालय में तलाक का एक ऐसा ही मामला सामने आया, जहां पत्नी ने पति से किसी भी तरह का न तो मुआवजा मांगा और न ही उससे गुजारा भत्ता लिया, बल्कि विवाह के समय सास ने जो कंगन दिए थे, उसने वह भी वापस कर दिए। आपसी सहमति से तलाक के इस मामले पर ...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.