लखीमपुरखीरी, दिसम्बर 21 -- लखीमपुर, संवाददाता। गन्ने के साथ ही अब तराई के किसान केले की खेती की तरफ बढ़े हैं। केला की खेती भी नकदी फसल के रूप में कर रहे हैं। पिछले कई सालों से मुनाफा का सौदा साबित हो रही केला की खेती ने इस सीजन में झटका दिया है। केला का रेट काफी कम रहा है। केला के साथ ही इसके तना से भी कमाई हो इसके लिए अब खीरी के किसानों, समूहों की महिलाओं को गुजरात में ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके लिए खीरी जिले से 25 किसानों का दल गुजरात भेजा गया है। यह दल केला के तने से फाइबर निर्माण के बारे में प्रशिक्षण हासिल करेगा। खीरी जिले में ज्यादातर किसान नकदी फसल के रूप में गन्ना की खेती करते हैं। गन्ना का भुगतान समय पर न मिलने से किसानों का रुख केला की खेती की तरफ बढ़ा। पिछले कई सालों से केला मुनाफे की खेती साबित हो रही थी लेकिन इस साल केला का रेट ...