नई दिल्ली, सितम्बर 11 -- बिहार के प्रतिष्ठित एसके मेडिकल कॉलेज के अस्पताल की इमरजेंसी में चिकित्सकों का हैरान करने वाला फरमान सामने आया है। यहां मरीजों को पहले पीएचसी या फिर सदर अस्पताल से रेफर का सुबूत देना होगा। उसके बाद मेडिकल में इलाज होगा। बुधवार की दोपहर एक ऐसी घटना देखने को मिली। मेडिकल कॉलेज अस्पताल ने इस पर चुप्पी साध ली है। मारपीट में गंभीर रूप से जख्मी कांटी थाने की मनिकपुर निवासी रेहाना खातून दर्द से कराह रही थी। लेकिन इमरजेंसी के चिकित्सक देखना मुनासिब नहीं समझे। परिजनों के काफी विनती करने पर करीब एक घंटे बाद इंटर्न महिला चिकित्सक आईं। वे सदर अस्पताल से रेफर कराने की बात कहकर लौट गईं। इससे आक्रोशित परिजन हंगामा करने लगे। इस बीच मरीज की हालत बिगड़ती देखकर दूसरे अस्पताल लेकर चले गए। यह भी पढ़ें- नेपाल में एक और जेल ब्रेक की कोश...