नई दिल्ली, दिसम्बर 22 -- हैप्पीमॉन जैकब,विजिटिंग प्रोफेसर, शिव नाडार विवि बांग्लादेश में शेख हसीना के तख्तापलट के 18 महीने बाद भी भारत और बांग्लादेश के रिश्ते सामान्य होने की कोई सूरत नहीं दिख रही। दोनों देशों के संबंध एक के बाद दूसरी मुश्किल में फंसते जा रहे हैं। इसके स्पष्ट संकेत हैं, ढाका में जारी विरोध-प्रदर्शन और भारत-विरोधी बढ़ती भावनाएं। बेशक, नई दिल्ली को भरोसा है कि फरवरी में होने वाले आम चुनाव के बाद इस पड़ोसी देश में हालात सुधर सकते हैं, मगर यह भी दावे के साथ नहीं कहा जा सकता। लिहाजा, नई दिल्ली को ढाका के प्रति अपना नजरिया बदलना चाहिए और राजनीतिक-भावनात्मक नजरिया अपनाने के बजाय व्यावहारिक एवं समाधानकारी राष्ट्रीय सुरक्षा ढांचे को अपनाना चाहिए। बांग्लादेश के साथ तेजी से बिगड़ते संबंध भारत के लिए तीन तरह की चुनौतियां पेश करतेे है...