प्रयागराज, सितम्बर 11 -- प्रयागराज, कार्यालय संवाददाता। हिन्दी के प्रख्यात साहित्यकार, कवि, आलोचक डॉ. रामकुमार वर्मा की कविताएं भारतीय संस्कृति की संवाहक हैं। यह विचार मुंबई विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. रामजी तिवारी ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग एवं डॉ. रामकुमार वर्मा ट्रस्ट की ओर से आयोजित व्याख्यान सत्र में व्यक्त किए। मुख्य वक्ता प्रो. तिवारी ने कहा कि डॉ. वर्मा ने 'एकलव्य और 'अहिल्या जैसे पात्रों को अपनी कल्पना से उदात्त चरित्र के रूप में प्रस्तुत किया। उनका व्यक्तित्व इंद्रधनुषी था इतिहासकार, समीक्षक, नाट्यकार, कवि, आलोचक और एकांकी के जन्मदाता। उन्होंने बताया कि विद्यार्थी जीवन में मात्र 17 वर्ष की आयु में उनकी पहली कविता पुरस्कृत हुई थी। उनके महाकाव्य और लघुकाव्य हिंदी साहित्य की अमूल्य धरोहर हैं।...
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