आगरा, दिसम्बर 26 -- डायरिया से किसी भी बच्चे की मौत नहीं होनी चाहिए। इसमें केमिस्ट बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। वह ऐसे मरीजों को डायरिया की रोकथाम और इलाज के लिए चिह्नित कर सकते हैं। यह बात पीएसआई इंडिया की कोमल घई ने शुक्रवार को केनव्यू के सहयोग से केमिस्ट की एक कार्यशाला में बताई। उन्होंने बताया कि डायरिया से डर नहीं कार्यक्रम उत्तर प्रदेश के 13 और बिहार के तीन जिलों में चलाया जा रहा है। इसमें पांच साल तक के बच्चों की डायरिया से होने वाली मृत्यु दर को शून्य करना, दस्त प्रबंधन को बढ़ावा देना है। इसमें मेडिकल स्टोर संचालक दुकान पर आने वाले ग्राहकों को डायरिया की जानकारी देते हुए बचाव और रोकथाम के उपायों को बता सकते हैं। साथ ही नजदीक के बेहतर डाक्टर या सरकारी अस्पताल के बारे में भी बता सकते हैं। केमिस्ट एसोसिएशन के महामंत्री राजीव शर्मा ने क...