नई दिल्ली, सितम्बर 16 -- सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को उच्च चिकित्सा शिक्षा संस्थानों में तृतीय लिंग (ट्रांसजेंडर) के लिए सीटों के आरक्षण से संबंधित याचिका पर 18 सितंबर को सुनवाई करने पर सहमति जताई। मुख्य न्यायाधीश बी. आर. गवई और न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन की पीठ ने कहा कि यदि तृतीय लिंग के लोगों को आरक्षण प्रदान करने के लिए शीर्ष अदालत का कोई आदेश है, तो उसका पालन किया जाना चाहिए। कुछ याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह ने 2014 के ऐतिहासिक नालसा फैसले के अनुरूप स्नातकोत्तर चिकित्सा पाठ्यक्रमों में ट्रांसजेंडर उम्मीदवारों के लिए आरक्षण लाभों को लागू करने की मांग की, जिसमें सकारात्मक कार्रवाई के उनके अधिकार सहित ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के अधिकारों को मान्यता दी गई थी। वरिष्ठ वकील ने कहा कि वह तीन ऐसे व्यक्तियों का प्रति...