कानपुर, जून 16 -- कानपुर। मानव जीवन में चरित्र सुंदर हो तो जीवन सुंदर हो जाता है। ज्ञानी छोटा हो या बड़ा महत्व नहीं रखता, ज्ञानी के ज्ञान को प्रणाम किया जाता है। शिव सती चरित्र और शिव विवाह प्रसंग सुनाते हुए यह बात आचार्य आशीष राघव द्विवेदी चैतन्य ने कही। सात दिवसीय श्री राम कथा का आयोजन किदवई नगर के ब्लॉक में किया गया था। द्वितीय दिवस पर सोमवार को आचार्य श्री ने बताया कि किस तरह पति शिव के रोकने के बावजूद सती बिना बुलाए पिता दक्ष के यज्ञ में गईं और वहां अपमान मिलने पर यज्ञ में अपनी देह त्याग दी। इसके बाद शिव विवाह की सुंदर प्रस्तुति दी। कथा से पहले संगीतमय हनुमान चालीसा का पाठ कथा संचालक राकेश कुमार तिवारी वैदिक व उनकी टीम ने किया। मुख्य यजमान पुष्पा अग्रवाल ने बताया कि मंगलवार को नारद मोहभंग और मनु शतरूपा चरित्र का वर्णन होगा। इस दौरान ...