कोडरमा, सितम्बर 1 -- कोडरमा, वरीय संवाददाता। श्रीमद्भागवत सप्ताह पारायण यज्ञ के तीसरे दिवस की कथा का आयोजन बड़े ही श्रद्धा और भक्ति भाव के साथ किया गया। इस अवसर पर व्यासपीठ से कथावाचक आचार्य रामकरण सहल ने भक्तों को भगवान के दशावतार की कथा का श्रवण कराया। कार्यक्रम का शुभारंभ यजमान अनुप जोशी एवं उनकी धर्मपत्नी नीलम जोशी ने विधिवत पूजा-अर्चना कर किया। आचार्य रामकरण सहल ने कथा के दौरान बताया कि भागवत कथा सात ही दिनों की क्यों होती है। उन्होंने कहा कि जैसे राजा परीक्षित ने केवल सात दिन शेष रहते ही श्री सुखदेव जी से यह कथा सुनी थी, उसी परंपरा के आधार पर आज भी सप्तदिवसीय कथा होती है। उन्होंने श्रोताओं को समझाया कि "परीक्षित" का अर्थ है - जो दूसरों द्वारा रक्षित हो, और वास्तव में हम सभी ईश्वर द्वारा रक्षित हैं। कथावाचक ने भगवान के दशावतार प्रसंग...
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