बांका, मई 27 -- बांका, निज प्रतिनिधि। प्राकृतिक संसाधनों के दोहन और प्रदूषण से बढ रहे ग्लोबल वार्मिंग विश्व मंच पर चिंता का विषय बना हुआ है। वायुमंडल में कार्बन डाइऑक्साइड, मिथेन, सल्फर डाइऑक्साइड एवं नाइट्रस ऑक्साइड की सांद्रता अधिक होने से ग्लोबल वार्मिंग बढ रही है। जिससे हर साल मौसम का तापमान 0.25 सेंटिग्रेड बढ रहा है। जो जलवायु परिवर्तन की वजह बन रहा है। जिसका सीधा असर कृषि व आम जनजीवन पर पड रहा है। मौसम के बदलते मिजाज की वजह से खेती किसानों के लिए घाटे का सौदा बनता जा रहा है। जिसको देखते हुए सरकार की ओर से जलवायु अनुकूल खेती को बढावा दिया जा रहा है। इसके लिए पायलेट प्रोजेक्ट के तहत 20 नवंबर 2019 में सूबे के 8 जिलों में जलवायु अनुकूल खेती की शुरूआत की गई थी। इसमें बांका के अलावे नालंदा, नवादा, औरंगाबाद, गया, भागलपुर, मुंगेर एवं खगडिया...
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