संभल, सितम्बर 17 -- हर साल 17 सितंबर को विश्व रोगी सुरक्षा दिवस मनाया जाता है, ताकि वैश्विक स्तर पर मरीज़ों की सुरक्षा को लेकर जागरूकता फैलाई जा सके। लेकिन जिले के हालात देखें तो यह दिन महज़ औपचारिकता और भाषणों तक सीमित रह गया है। जनपद में 10 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र हैं। जिसमें चिकित्सक और पैरामेडिकल स्टाफ की भारी कमी है। इससे मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। केंद्र और राज्य सरकारें स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए लगातार योजनाएं चला रही हैं। इन योजनाओं का उद्देश्य यह है कि हर नागरिक को बेहतर और मुफ्त इलाज मिल सके। लेकिन जब अस्पतालों में विशेषज्ञ डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ ही उपलब्ध नहीं हैं, तो योजनाओं का लाभ कागज़ों तक सीमित रह जाता है। मरीजों को मामूली इलाज के लिए भी घंटों इंतजार करना पड़ता है और गंभीर मरीजों को अक्स...