मुजफ्फरपुर, जुलाई 7 -- मुजफ्फरपुर। पहले गांव में होने वाली हर गतिविधियों की खबर स्थानीय थानों को रहती थी। चोरी और डकैती रोकने के लिए दफादार और चौकीदार का दल पूरी रात 'जागते रहो की आवाज लगाता था। अब उनकी यह दमदार आवाज नहीं सुनाई देती है। अपनी ड्यूटी के साथ-साथ पुलिस के हर काम में आगे रहने वाले चौकीदार इन दिनों महकमे में हाशिए पर हैं। उनको अपने मूल काम से हटाकर थाने से एनएच तक ड्यूटी ली जा रही है। साहबों के आवास पर माली से लेकर खानसामा तक का काम भी करना पड़ता है। पुलिस की आंख और कान कहे जाने वाले दफादार-चौकीदार अपनी समस्याओं से नहीं उबर पा रहे हैं। उन्हें वर्दी से लेकर अन्य भत्ता तक के लिए जूझना पड़ रहा है। यहां तक की सैकड़ों की संख्या में चौकीदार बगैर सनद के ही ड्यूटी कर रहे हैं। वे अपनी सेवा को नियमित कराने के लिए संघर्षरत हैं। स्वैच्छिक ...