वरीय संवाददाता, जून 8 -- अगले साल होने वाले संसदीय और विधानसभा क्षेत्र का परिसीमन को रोकने की साजिश रची जा रही है। इसके लिए दक्षिण भारत के राज्य बड़े पैमाने पर अभियान चला रहे हैं। परिसीमन नहीं होने का नुकसान सबसे अधिक उत्तर भारत के राज्यों को उठाना पड़ रहा है। रविवार को मुजफ्फरपुर क्लब मैदान में प्रमंडल स्तरीय महारैली को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय लोक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने ये बातें कहीं। कुशवाहा ने कहा कि कई बार जनहित के मुद्दों को उठाने की कीमत चुकानी पड़ी। कयास लगाए जा रहे हैं कि कुशवाहा का इशारा किसकी ओर था। कुशवाहा ने कहा कि परिसीमन का आधार जनसंख्या होता है। लेकिन पिछले 50 सालों में किसी न किसी बहाने दो बार परिसीमन पर रोक लगाई गई। इसका नुकसान हिंदी पट्टी के राज्यों को विभिन्न योजनाओं में मिलने वाली राशि के नुक...