नई दिल्ली, जून 8 -- नई दिल्ली। जंग में संघर्ष के दौरान गोली लगने, बारूदी सुरंगों के फटने या किसी अन्य कारण से घाव होने पर जवानों को तत्काल इलाज मिल सकेगा। उन्हें नजदीकी अस्पताल में ले जाने की जहमत नहीं उठानी पड़ेगी। साथ ही दुर्घटना के पहले चार घंटे में इलाज मिलने से अनमोल जिंदगी बचाई जा सकेगी। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के वैज्ञानिकों ने ऐसी स्थिति में घावों को तत्काल भरने वाली एक नई तकनीक एवं दवा विकसित की है, जिससे मौके पर ही जवानों का इलाज किया जा सकेगा। डीआरडीओ के सूत्रों के अनुसार, यह एक पोर्टेबल डिवाइस है जिसे जवान अपने साथ रणभूमि में ले जा सकते हैं। इसमें उपकरण और दवाएं दोनों शामिल हैं। इस डिवाइस में घाव से रक्तस्राव रोकने, घाव को साफ करने के औजार एवं संक्रमण रोकने और घाव को ठीक करने की बहु थेरेपी उपचार पद्धति की दवाए...