चमोली, दिसम्बर 22 -- जंगलों में बढ़ती आग की घटनाएं, समृद्ध वन क्षेत्रों का लगातार ह्रास और वन व वन्यजीवों के प्राकृतिक पर्यावास का सिकुड़ना इन सभी के संयुक्त प्रभाव से मानव और वन्यजीव संघर्ष की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं। इसका सीधा असर वन्यजीवों के स्वभाव पर पड़ रहा है, जो अब पहले की तुलना में अधिक आक्रामक होते जा रहे हैं। जंगलों में खाद्य श्रृंखला में आई गड़बड़ी और भोजन की कमी के कारण वन्यजीवों की सक्रियता अब आवासीय क्षेत्रों और गांवों के आसपास बढ़ गई है, जो एक गंभीर संकट का रूप लेती जा रही है। यह तथ्य सी. पी. भट्ट पर्यावरण एवं विकास केंद्र, गोपेश्वर द्वारा आयोजित वनाग्नि रोकथाम और मानव-वन्यजीव संघर्ष विषयक शोध यात्रा के दौरान ग्रामीणों से हुई बातचीत में सामने आए। शोध यात्रा के पहले दिन अध्ययन दल ने गैरसैंण विकासखंड के खंसर क्षेत्र के रा...