साहिबगंज, अगस्त 28 -- साहिबगंज। झारखंड विधानसभा में पास हुए उस विधेयक का छात्र समाज तीव्र विरोध करता है, जिसमें यह प्रावधान किया गया है कि अब विश्वविद्यालयों में छात्र संघ का चुनाव मतदान के जरिए नहीं होगा और सरकार सीधे-सीधे कुलपति एवं प्रो-वीसी की नियुक्ति करेगी। यह निर्णय न केवल छात्रों की आवाज़ को दबाने वाला है, बल्कि लोकतंत्र के मूल्यों पर सीधा प्रहार भी है। उक्त बातें छात्र नेता इन्द्रोजीत ने कही है। उन्होंने कहा कि "यह विधेयक छात्रों को शिक्षा से वंचित करने और उनके लोकतांत्रिक अधिकार छीनने की गहरी साज़िश है। अब छात्र संघ चुनाव लोकतांत्रिक प्रक्रिया से नहीं करा कर कुलपति द्वारा मनमाने तरीके से प्रतिनिधियों की नियुक्ति से होगा। जिससे छात्रों की वास्तविक आवाज़ विश्वविद्यालय प्रशासन और सरकार तक कभी नहीं पहुंच पाएगी। यह छात्रों के अधिकारो...