मुंबई, दिसम्बर 29 -- महाराष्ट्र में दो परिवारों के पुनर्मिलन की कहानियां सुर्खियों में हैं। पहले ठाकरे फैमिली और अब पवार परिवार। दोनों ही परिवारों के एकजुट होने की वजहें इमोशनल कम और सियासी वजहें ज्यादा हैं। खत्म होता राजनीतिक वजूद, अस्तित्व पर उठते सवालों ने इन्हें पास आने को मजबूर कर दिया है। राज ठाकरे हों या उद्धव, शरद पवार हो या फिर अजीत पवार, अलग होने के बाद इन सभी ने खुद को खूब आजमा लिया है। चुनावी परिणामों ने इन्हें इस बात का अहसास शिद्दत से करा दिया है कि साथ आकर ही यह अपनी सियासी साख को फिर से हासिल कर सकते हैं। ठाकरे परिवार की कहानीअगर ठाकरे परिवार की बात करें तो उनके लिए अस्तित्व की लड़ाई बेहद कठिन रही है। राज ठाकरे के जाने के बाद भले ही उद्धव ठाकरे को बहुत नुकसान न उठाना पड़ा हो। लेकिन एकनाथ शिंदे के अलग होने के बाद उद्धव ठाकर...
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