अलीगढ़, सितम्बर 23 -- अलीगढ़, कार्यालय संवाददाता। प्रभु श्रीराम चित्रकूट में विश्राम करते हैं। भक्तों को प्रभु के अलौकिक दर्शन होते हैं। चित्रकूट का प्राकृतिक सौंदर्य देखने से ही बन रहा था। मानों वृतांत खुद का वर्णन कर रहा हो। झरने, पहाड़, घने वन प्रकृति की सौंदर्यता का वर्णन कर रहे थे। श्री रामलीला गौशाला कमेटी के तत्वाधान में श्री आदर्श रामलीला मंडल मथुरा द्वारा रामलीला मैदान में सोमवार को कलाकारों ने श्रीराम ऋषि भारद्वाज मिलन, वाल्मीकि मिलन, चित्रकूट विश्राम का लीला का मंचन किया। पं. राघवेंद्र देव चतुर्वेदी के निर्देशन में कलाकारों ने मंचन कर दर्शाया कि जब केवट ने नाव द्वारा प्रभु श्री राम को नदी पार कराई तो सर्वप्रथम महर्षि भारद्वाज के आश्रम जाते हैं। उसके बाद ऋषि वाल्मीकि के आश्रम जाते हैं। वाल्मीकि की आज्ञा पाकर चित्रकूट पर विश्राम ...