घाटशिला, अक्टूबर 27 -- झारखंड की राजनीति में एक बार फिर 'सोरेन बनाम सोरेन' की लड़ाई देखने को मिल रही है। घाटशिला विधानसभा उपचुनाव न सिर्फ दो नेताओं की साख का सवाल है, बल्कि कोल्हान की सियासी दिशा भी तय करने वाला रण बन चुका है। दिवंगत मंत्री रामदास सोरेन के निधन से खाली हुई सीट पर झामुमो ने उनके बेटे सोमेश सोरेन को उम्मीदवार बनाया है, जबकि भाजपा ने पूर्व मुख्यमंत्री और झामुमो के कभी कद्दावर नेता रहे चंपई सोरेन के पुत्र बाबूलाल सोरेन पर फिर दांव लगाया है। दोनों ही संथाल समाज से हैं, इसलिए यह मुकाबला सामाजिक संतुलन और राजनीतिक परंपरा दोनों की परीक्षा बन गया है। बाबूलाल को पिछले चुनाव में भी भाजपा ने इस सीट से उम्मीदवार बनाया था।राजनीतिक मायने गहरे 11 नवंबर को होने वाले मतदान के नतीजे न सिर्फ घाटशिला की नई सियासी तस्वीर तय करेंगे, बल्कि यह भी...