गांधीनगर, जुलाई 29 -- 2002 के गोधरा दंगों के एक मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट द्वारा तीन लोगों को दोषी ठहराए जाने और पाँच साल के कठोर कारावास की सजा सुनाए जाने के 19 साल बाद, गुजरात उच्च न्यायालय ने उन्हें बरी कर दिया है। अदालत ने कहा कि इन लोगों पर साबित हुआ दोष विश्वसनीय सबूतों पर आधारित नहीं था। हाईकोर्ट ने कहा कि अपील करने वाले गैरकानूनी जमावड़े के सदस्य थे या नहीं और आगजनी में शामिल थे या नहीं, यह साबित नहीं हुआ है। न्यायाधीश गीता गोपी की पीठ ने सचिन पटेल, अशोक पटेल और अशोक गुप्ता द्वारा दायर अपीलों को स्वीकार कर लिया है। इनमें आनंद की एक फास्ट-ट्रैक अदालत द्वारा उन्हें दोषी ठहराए जाने और 29 मई, 2006 के सजा के आदेश को चुनौती दी गई थी। उच्च न्यायालय ने सोमवार को पारित आदेश में कहा, निचली अदालत के न्यायाधीश ने सबूतों की जांच में गलती की ...