गुरुग्राम, जुलाई 24 -- पश्चिम बंगाल की अंजू खातून गुरुग्राम पुलिस की ओर से अवैध प्रवासियों के लिए बनाए गए हिरासत केंद्रों में अपने पति की तलाश के दौरान खुद के साथ हुई बदसलूकी को याद करते हुए डरी हुई हैं। अंजू खातून अकेली नहीं हैं। कई बांग्लाभाषी अवैध घुसपैठियों की खोजबीन के लिए गुरुग्राम पुलिस की ओर से लॉन्च किए गए ऑपरेशन से डरे हुए हैं। कई लोगों का आरोप है कि गुरुग्राम पुलिस बांग्लाभाषी लोगों को निशाना बना रही है। हालांकि इस अभियान का असर शहर की साफ सफाई के कामों पर पड़ा है। गुरुग्राम के सेक्टर-56 की एक झुग्गी बस्ती में रहने वाली खातून कहती हैं कि सोमवार को उनके पति सेक्टर-56 स्थित एक आवासीय सोसाइटी में गाड़ियां साफ करने गए थे। इसी दौरान पुलिस उनको अपने साथ ले गई। देर शाम को पता चला कि वह एक हिरासत केंद्र में हैं। जब मैं अपने आधार कार्ड ...