ग्वालियर, अगस्त 14 -- मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने कहा कि फैमिली कोर्ट द्वारा पत्नी को गुजारा भत्ते देने के फैसले को इस आधार पर चुनौती नहीं दिया जा सकता कि पति उसे अपने साथ रखने के लिए तैयार है। कोर्ट ने कहा कि मुकदमेबाजी के दौरान यह वैध प्रस्ताव नहीं है। लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार, एक पति ने फैमिली कोर्ट के आदेश के खिलाफ मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में पुनरीक्षण याचिका दायर किया था। इसमें पति ने दावा किया था कि वह अपनी पत्नी को रखने के लिए तैयार है, इसलिए वह गुजारा भत्ता की हकदार नहीं है। फैमिली कोर्ट ने पति को अपनी पत्नी को प्रति माह 3000 रुपए गुजारा भत्ता देने का निर्देश दिया था। जस्टिस जी.एस. अहलूवालिया ने कहा कि चूंकि याचिकाकर्ता ने कभी भी अपनी पत्नी को भरण-पोषण देने की पेशकश नहीं की। इसलिए यह न्यायालय की राय पर है कि याचिकाकर्ता द्वारा फैमि...
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